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क्या आप भी Bitcoin mining से कमाना चाहतें हैं पैसा? तो जानें क्या है Bitcoin माइनर्स का काम?

 बिटकोइन् माइनिंग क्या है| cryptocurrency Mining or bitcoin Mining kya hai

बिटकोइन् माइनिंग क्या है, कैसे काम करती है,माइनिंग से पैसे कैसे कमा सकते हैं। 


अगर आप न्यूज़ ,टेलीविजन या इंटरनेट की दुनिया का हिस्सा है तो कुछ समय से आप भी देख रहे होंगे कि आजकल हर कोई bitcoin, cryptocurrency, doge coin की बात कर रहा है। क्रिप्टो करेंसी एक digital currency है, यह तो आप सभी जानते होंगे  कि यह virtual currency है। इन सभी cryptocurrency में बिटकॉइन  सबसे महंगी क्रिप्टो करेंसी है,जिसकी कीमत Elon Musk के एक बयान से करीब 42 लाख तक पहुंच गई थी। इतना ही नहीं Elon Musk के ही अगले बयान से इसी bitcoin की कीमत फिर 10 फीसदी तक गिर गयी थी। 

Elon Musk के एक बयान से क्यों बढ़ी bitcoin की कीमत?

 

क्रिप्टो करेंसी या फिर बिटकॉइन को डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है । क्योंकि इस पर सरकार या किसी संस्था का कोई भी नियंत्रण नहीं होता तो इसमें सिक्योरिटी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।   इसी वजह से बिटकॉइन माइनिंग या फिर क्रिप्टो माइनिंग बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। 

किन्हीं भी  2 व्यक्तियों के बीच में ट्रांजैक्शन को सिक्योर रखने के लिए सबसे अहम है क्रिप्टो माइनिंग और सबसे अहम भूमिका निभाते हैं क्रिप्टो माईनर्स। 

जिस प्रकार आप अपने अकाउंट से किसी दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो बैंक बीच में मध्यस्थता का काम करता है ।इसकी पूरी निगरानी बैंक द्वारा की जाती है और सिक्योरिटी का ध्यान रखा जाता है लेकिन बिटकॉइन में कोई बैंक नहीं होता इसलिए इसकी जो सिक्योरिटी का काम होता है वह माइनिंग के जरिए होता है। 

जब भी आप कोई कॉइन एक सिस्टम से किसी दूसरे सिस्टम या किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करते हैं तो इस पूरे प्रोसेस के बीच में बहुत सारे कंप्यूटर्स सम्मिलित   होते हैं । यह पूरी इंफॉर्मेशन क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से सिक्योर रखी जाती है जिसे की एक डिजिटल लेजर में सेव किया जाता है। उसके बाद इंफॉर्मेशन ब्लॉक्स में सेव की जाती है और एक ब्लॉक के फेल होते ही उसमें दूसरा ब्लॉक ऐड कर दिया जाता है यही ब्लैक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहलाती है और यह पूरी प्रोसेस क्रिप्टो माइनर्स के द्वारा की जाती है। 



अब अगर आपको थोड़ा और विस्तार में समझाएं तो बिटकॉइन माइनिंग में कंप्यूटर में बहुत ही जटिल मैथमेटिकल कैलकुलेशन या पजल्स को सॉल्व किया जाता है। क्रिप्टो माइनर्स के द्वारा इस प्रोसेस में एक कोड जनरेट होता है और आपको बिटकॉइन मिलती है। जब आप कोई बिटकॉइन किसी दूसरे को ट्रांसफर करते हो तो आप दोनों के बीच में बहुत सारे कंप्यूटर शामिल होते हैं। इन कंपूटर्स पर जो व्यक्ति काम करते हैं उन्हें क्रिप्टो माइनर्स कहते हैं। यही क्रिप्टो माइनर्स आपके transaction की सिक्योरिटी का विशेष ध्यान रखते हैं। ये हर एक ट्रांजैक्शन की निगरानी करते हैं और उन्हें इस काम के बदले में इनाम या फिर फीस के तौर पर कहे तो बिटकॉइन मिलती है। इसे ही बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। 


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ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है:

अगर आपने क्रिप्टो करेंसी के बारे में सुना है तो फिर तो ब्लॉक चेन टेक्नॉलॉजी के विषय में भी सुना होगा । क्योंकि क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी पर काम करती है। अब हम समझते हैं कि आखिर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है क्या? 


जैसा कि आप नाम से भी अंदाजा लगा सकते हैं साधारण भाषा में कहें तो बहुत सारे ब्लॉक्स को एक चेन की सहायता से जोड़ा जाना । कुछ ऐसा ही आप क्रिप्टो के संदर्भ में भी कह सकते हैं। 

आप जब भी कोई क्रिप्टो करेंसी या कोई कॉइन ट्रांसफर करते हैं तो यह पूरी प्रक्रिया में बहुत से कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है । जो भी transaction होती है उसे डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर में रखा जाता है और फिर एक ब्लॉक में सेव किया जाता है। इस ब्लॉक का साइज लगभग 1 MB होता है। फिर उस ब्लॉक के फेल होते ही उसे दूसरे ब्लॉक से जोड़ा जाता है और दूसरे ब्लॉक में इंफॉर्मेशन को रखा जाता है। इस प्रकार पुराने ब्लॉक से नए ब्लॉक जुड़ते जाते हैं और एक चैन बन जाती है।   इसे ही blockchain technology  कहते हैं। 

इस पूरे प्रोसेस में बहुत पावर कंज्यूम होता है, जिसकी वजह से बहुत ही advance कंप्यूटरों की जरूरत होती है। जिनमें specialized हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर होते हैं। 

शुरुआत में क्रिप्टो माइनिंग के लिए साधारण कंप्यूटर को भी प्रयोग कर सकते थे । लेकिन वर्तमान में बहुत से coins मार्केट में आ जाने की वजह से यह प्रोसेस बहुत ही जटिल होती जा रही है जिसके लिए साधारण कंप्यूटर को यूज करना संभव नहीं है । क्योंकि इस प्रोसेस में बहुत ही heat जनरेट होती है जो कि आपके कंप्यूटर को भी नुकसान पहुंचा सकती है। 

इतना ही नहीं 

इसी वजह से अब बिटकॉइन माइनिंग के लिए एडवांस कंप्यूटरों की जरूरत पड़ती है जिसमें कि स्पेशलाइज्ड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की रिक्वायरमेंट होती है। 


बिटकॉइन माइनिंग में माइनर्स की भूमिका:

बिटकॉइन ट्रांजैक्शन की सिक्योरिटी के लिए जितना अहम है बिट माइनिंग उतनी ही अहम भूमिका निभाते हैं बिटकॉइन माइनर्स या crypto miners 

बिटकॉइन को माईनर्स द्वारा ही कंट्रोल किया जाता है और कोई अकेला माइनर्स इसे कंट्रोल नहीं करता क्योंकि यह एक डिसेंट्रलाइज सिस्टम के जरिए काम करता है इसीलिए इसमें सभी माइनर्स की अहम भूमिका होती है । 

क्योंकि पूरी इंफॉर्मेशन डिजिटल इमैनेज होती है इसलिए जब भी आप कोई कॉइन ट्रांसफर करते हैं तो उसकी सिक्योरिटी का बहुत ही खास ध्यान रखना पड़ता है और यही काम क्रिप्टो माइनर्स का होता है । हर एक ट्रांजैक्शन को लेजर में अपडेट करके ब्लॉक में सुरक्षित रखना माइनर्स का काम होता है और ऐसा करने के लिए माइनर्स को कंप्यूटर की जटिल मैथमेटिकल प्रॉब्लम को सॉल्व करना पड़ता है। नेटवर्क में बहुत से कंप्यूटर्स होते हैं जिनमें इंफॉर्मेशन होती है और उस इंफॉर्मेशन को शिक्षा और रखना पड़ता है इस काम के लिए क्रिप्टो माइ नर्स को कॉइन दिए जाते हैं। जिन्हें कि उनका इनाम या इन्कम भी समझी जा सकती है। जितनी जल्दी आप कंप्यूटर की प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं उतनी जल्दी आपको इनाम के रूप में बिटकॉइन मिल जाती है। 

बिटकॉइन माइनर्स चाहते हुए भी कभी भी गलत ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते, नहीं तो पूरा नेटवर्क करप्ट हो जाएगा। 

इस काम को केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स  ही कर सकते हैं। उन्हें लेजर में ट्रांजैक्शन को अपडेट करना होता है इसके लिए एक प्रोटोकॉल बनाया गया है जिसे Proof of work(प्रूफ ऑफ वर्क )consensus protocol कहते हैं ,जो कि नेटवर्क को बाहरी हमले से बचाने में मदद करता है। 

क्रिप्टो माईनर्स ही कंप्यूटर की जटिल सवालों को हल करके मार्केट में नए कॉइंस को रिलीज करते हैं और जैसे-जैसे इनको इनकी संख्या बढ़ती जा रही है वैसे ही मैथमेटिकल समीकरणों की जटिलता भी बढ़ती जा रही है । 

मतलब जैसे जैसे लोगों का ध्यान इस ओर ज्यादा आकर्षित होगा और लोग क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करेंगे वैसे ही - भी बढ़ेंगे और सवालों की जटिलता भी बढ़ती जाएगी और इसके लिए एडवांस कंप्यूटरों की जरूरत पड़ेगी। 




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